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Literary eBooks

If you like Literary eBooks, then you'll love these top picks.
Showing 1 - 24 of 178 Results
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  • Aahuti (Hindi)

    by Premchand ...
    आनन्द ने गद्देदार कुर्सी पर बैठकर सिगार जलाते हुए कहा-आज विशम्भर ने कैसी हिमाकत की! इम्तहान करीब है और आप आज वालण्टियर बन बैठे। कहीं पकड़ गये, तो इम्तहान से हाथ धोएँगे। मेरा तो खयाल है कि वजीफ़ा भी बन्द हो जाएगा।सामने दूसरे बेंच पर रूपमणि बैठी एक अखबार पढ़ रही थी। उसकी आँखें अखबार की तरफ थीं; पर कान आनन्द की तरफ लगे हुए थे। बोली-यह तो बुरा हुआ। तुमने समझाया नहीं? आनन्द ने मुँह बनाकर कहा-जब कोई अपन ... Read more

    $0.99 USD or Free with Kobo Plus

  • Saapharee

    by Yugal Joshi ...
    जब भगीरथ प्रयत्नों से उसे आकाश से उतरना पड़ा था और जब महायोगी शिव उसे अपनी जटाओं में बाँधने के लिए हो गए थे तैय्यार; तब आक्रोश भरी गंगा ने फूँफकारा था:वह मुझे बांधेगा?मेरी बाढ़ उसे बहा ले जाएगी।मेरा उफनता ज्वारउसे भँवरों में देगा डुबाअनंत नरक की गहराइयों में…पर शिव तो शिव हैं। यहाँ आसन्न मृत्यु का इंतज़ार करता मैं भी उन्हें याद करके, एक नए उत्साह से भर उठा। पर्वत सम्राट शिव ने मुझे निडर कर दिया।हे ... Read more

    Free

  • जिंदगी मूक सबकी कहानी रही

    दोस्तों सही हैं न ! कि हर ज़िंदगी अपनी कुछ कही और कुछ अनकही कहानी छोड़कर उस परम सत्य को आत्मसात कर लेती है अर्थात मौत के आगोश में जाती है। हम कितना भी जी ले पर फिर भी कुछ रह जाता है जिसे हम जी नहीं पाते। कुछ अलभ्य, अतृप्त और कुछ बची आकांक्षाएं छूट जाती हैं और वक्त की रफ़्तार में जीवन कितना आगे बढ़ चुका होता है, हमें पता ही नहीं चलता। जब यह अहसास होता है तो हम बहुत आगे बढ़ चुके होते हैं और हम उस वक्त को ... Read more

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  • जेनी द पाइरेट - एक कामुक लघुकथा

    Translated by - Lust ...
    जेनी न चाहते हुए भी मलेशिया में चल रहे अपने मानवशास्त्रीय शोध परियोजना में पैसे लगाने के लिए अपने हाउसबोट को बेचने का फ़ैसला करती है। पहले-पहल एक भी संभावित ख़रीदार नज़र नहीं आता, लेकिन एक दिन जब वो अपनी नाव को रंगते हुए बाहर खड़ी होती है, उत्तम दर्जे के कपड़े पहना हुआ एक आदमी नाव देखने के लिए दस्तक देता है। पर नाव ही सिर्फ़ एक चीज़ नहीं है, जिसकी वो तारीफ़ें कर रहा है... वो सच में दिलचस्पी लेता दिखाई देत ... Read more

    $1.99 USD or Free with Kobo Plus

  • Mere He Shunya Mein

    'मेरे ही शून्य में' की पूर्वा'समय देखेगा'उस कक्ष की कल्पना कीजिए जिसमें कोई बेहतरीन गायक तन्मय श्रोताओं के सम्मुख आलाप लेने ही वाला हो।सब होगा। उसके साथ उम्दा साजिंदे भी होंगे तो आजमाए हुए साश भी होंगे। सुनने वालों का श्रव्य-विवेक और रस जिज्ञासु मानस किसी तारक दल की सी झिलमिलाता भी होगा। वहाँ शर्रे-शर्रे में संगीत को ले जाने के लिए आतुर साउंड सिस्टम भी होगा।लेकिन बस एक ही चीश उस क्षण वहाँ नहीं होग ... Read more

    $4.50 USD

  • काव्यधारा

    काव्यधारा" एक हिंदी कविता संग्रह है, जिसमें आपको ऐसी कविताएं मिलेंगी जो आपके और हमारे जैसे आम लोगों की भावनाओं को दर्शाती हैं। इस कविता संग्रह में हिंदी भाषा के सरल शब्दों का उपयोग किया गया है ताकि हर कोई इन कविताओं से आसानी से जुड़ सके और सहेज सके। कविताओं में उनके मन की भावनाएं समाहित हैं। पुस्तक में संकलित कविताएं जहां आपको समाज में व्याप्त कुरीतियों और कमियों से अवगत कराएंगी, वहीं आपके अंदर एक ... Read more

    $0.87 USD or Free with Kobo Plus

  • Path Ke Davedar

    ‘पथ के दावेदार’ उपन्यास-सम्राट स्व. श्री शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की सर्वश्रेष्ठ रचना है। शरत बाबू के उच्चकोटि के, मौलिक, स्वदेशानुराग और देश सेवा के भावों से ओत-प्रोत होने के कारण इस उपन्यास का बड़ा महत्त्व समझा जाता है। जिस समय इस उपन्यास का प्रथम संस्करण बंगला में प्रकाशित हुआ था, उस समय एक तहलका-सा मच गया था और इसे खतरे की चीज समझकर ब्रिटिश-सरकार ने इस पुस्तक को जब्त कर लिया था। यह उपन्यास इतना ... Read more

    $3.44 USD or Free with Kobo Plus

  • कुछ एहसास लिखे हैं

    अभी तो सुबह के ८-३० हुए थे। जल्दी तैयार होकर नित्या एक्स्ट्रा क्लास के लिए अपनी कार लेकर निकल ही रही थी कि रीमा आंटी और उनकी बड़ी बहू सब्जी ले रहे थे, उनको 'गुड़ मोर्निग' कहकर बातें करने खड़ी रही।‘क्यों आज जल्दी जा रही हो?’‘हाँ, ट्राफीक की वजह से पहूचने में शायद देर हो जाये, एक्स्ट्रा क्लास ऐटेन्ड करनी है''अब ओर कितना पढोगी? शादी करनी है कि नहीं?'अभी तो सुबह के ८-३० हुए थे। जल्दी तैयार होकर नित्या ... Read more

    $1.00 USD or Free with Kobo Plus

  • Aankh Ki Kirkiri

    विनोद की माँ हरिमती महेंद्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जा कर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं।राजलक्ष्मी महेंद्र के पीछे पड़ गईं - 'बेटा महेंद्र, इस गरीब की बिटिया का उद्धार करना पड़ेगा। सुना है, लड़की बड़ी सुंदर है, फिर पढ़ी-लिखी भी है। उसकी रुचियाँ भी तुम लोगों जैसी हैं।महेंद्र बोला - 'आजकल के तो सभी लड़के मुझ जैसे ही होते हैं।'राजलक्ष्मी- 'तुझसे शादी की बात करना ही म ... Read more

    $3.44 USD or Free with Kobo Plus

  • Sawa Ser Gehun Aur Prerna

    by Premchand ...
    किसी गाँव में शंकर नाम का एक कुरमी किसान रहता था। सीधा-सादा गरीब आदमी था, अपने काम-से-काम, न किसी के लेने में, न किसी के देने में। छक्का-पंजा न जानता था, छल-प्रपंच की उसे छूत भी न लगी थी, ठगे जाने की चिन्ता न थी, ठगविद्या न जानता था, भोजन मिला, खा लिया, न मिला, चबेने पर काट दी, चबैना भी न मिला, तो पानी पी लिया और राम का नाम लेकर सो रहा। ... Read more

    $1.14 USD or Free with Kobo Plus

  • Sajjanta Ka Dand Aur Gupt Dhan

    by Premchand ...
    साधारण मनुष्य की तरह शाहजहाँपुर के डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर सरदार शिवसिंह में भी भलाइयाँ और बुराइयाँ दोनों ही वर्तमान थीं। भलाई यह थी कि उनके यहाँ न्याय और दया में कोई अंतर न था। बुराई यह थी कि वे सर्वथा निर्लोभ और निःस्वार्थ थे। भलाई ने मातहतों को निडर और आलसी बना दिया था, बुराई के कारण उस विभाग के सभी अधिकारी उनकी जान के दुश्मन बन गये थे। ... Read more

    $1.14 USD or Free with Kobo Plus

  • पहले पन्ने

    इस पुस्तिका में लेखक के कुछ लघु उपन्यासों के पहले पाठों को प्रस्तुत किया है। ये पढ़ने में लघु कथाओं सा आनंद देते हैं और उन कहानियों का परिचय देते हैं जिंनका वे अंश हैं । ... Read more

    Free

  • Dard दर्द

    हर तरफ है बस निराशा, और अँधेरा दिल में है । रौशनी तो हर जगह है, बस सवेरा बिल में है| यह पुस्तक दर्द आप लोगों के समक्ष प्रेषित कर रहा हूँ। वैसे तो यह देखने वाले की नजर पर निर्भर करता है कि वह किस पहलू को देखता है। जो जैसा सोचता है उसके ख्याल और विचार भी उसी दिशा में जाने लगते हैं। एक स्वस्थ सोच ही स्वस्थ जीवन प्रवाह दे सकती है। चलता रहा जमीं पर, क्यों अब मैं उड़ रहा हूँ | राहों में सीधे चलकर, क्यों ... Read more

    $3.64 USD

  • स्वर्गविभा ऑनलाइन त्रैमासिक हिंदी पत्रिका दिसंबर २०२३

    स्वर्गविभा त्रैमासिक हिंदी पत्रिका

    Series series स्वर्गविभा त्रैमासिक हिंदी पत्रिका
    स्वर्गविभा टीम द्वारा, स्वर्गविभा त्रैमासिक पत्रिका, दिसंबर 2023 अंक का प्रकाशन बड़ी प्रसन्नता का विषय है| यह पत्रिका विगत 20 सालों से नियमित रूप से, हर चार महीने पर प्रकशित होती आ रही है| इसके प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य, देश-विदेश के हिंदी साहित्य प्रेमियों की प्रतिभा को, जन-जन तक पहुँचाना, और हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है| इसमें लब्ध प्रतिष्ठित रचनाकारों की रचनायें, कहानियाँ, गज़लें, कवितायें आदि ... Read more

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  • Alankar (Hindi)

    by Premchand ...
    उन दिनों नील नदी के तट पर बहुत से तपस्वी रहा करते थे। दोनों ही किनारों पर कितनी ही झोंपड़ियां थोड़ी थोड़ी दूर पर बनी हुई थीं। तपस्वी लोग इन्हीं में एकान्तवास करते थे और जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की सहायता करते थे। इन्हीं झोंपड़ियों के बीच में जहां तहां गिरजे बने हुए थे। परायः सभी गिरजाघरों पर सलीब का आकार दिखाई देता था। धमोर्त्सवों पर साधु सन्त दूर दूर से वहां आ जाते थे। नदी के किनारे जहां तहां मठ भ ... Read more

    $0.99 USD or Free with Kobo Plus

  • Fakira- The Free Soul

    Hindi and English Poetry Anthology

    Fakira is a poetry anthology book. The essence of the book lies into bringing together different aspects of being a free soul written by different authors. This book contains the poems in English and Hindi, which describe being free at the soul level. Some of the poems are so indepth that they will touch your heart. Go ahead and have your read. ... Read more

    $3.29 USD or Free with Kobo Plus

  • लघुकथा मंजूषा 4

    आदमीराजेन्द्र नागर 'निरन्तर'तपती दोपहर में नगर सेठ की दुकान के सामने से निकलते समय कल्लू के बच्चे यकायक पानी की ज़िद कर बैठे तो कल्लू ने सेठ जी से याचना की, "सेठ जी, बच्चे प्यासे हैं। पानी माँग रहे हैं, कृपया पिला दीजिए।"सेठ जी झल्लाए, "अभी यहाँ कोई आदमी नहीं है। बाद में आना।"आदमीराजेन्द्र नागर 'निरन्तर'तपती दोपहर में नगर सेठ की दुकान के सामने से निकलते समय कल्लू के बच्चे यकायक पानी की ज़िद कर बैठे ... Read more

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  • हैंडीमैन - एक कामुक कहानी

    "मैंने फ़ौरन ही अपना सिर घुमाया और मैंने उसे लिविंग रूम की बीच वाली खिड़की के पीछे खड़े होके मुझे घूरते हुए देखा। । वो जल्द ही बाहर आ गयी, अभी तक अपने फ़्लमिंगो किमोनो में ही थी। उसने मुझे एक गिलास बर्फ़ वाला पानी थमाया मैंने गिलास को अपने मुंह से लगाया और उसके नंगे बदन का ख़्याल किया।" हेनरी नॉर्थ सी में ड्रिलिंग रिग में काम करता है। वह 14 दिनों तक हर दिन 12 घंटे लगातार काम करता है। दो हफ़्तों के बाद वह ... Read more

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  • द रेड डायमंड - एक कामुक लघुकथा

    Translated by - Lust ...
    मेरी जीभ ने उसके दूसरे स्तन के निप्पल का स्पर्श किया ही था, जब उसकी तेज़ चलती सांसों से ऐसा महसूस हुआ कि वो चरम सुख तक बस पहुंचने ही वाली है। "वो पत्थर कितना बड़ा है?" मैंने पूछा। वह हांफते हुए बोली: "ज़्यादा बड़ा नहीं..." मैंने फिर से उसकी चूचियों को अपने मुंह में ले लिया। अब वो एक पत्ते की तरह कांप रही थी और मैं बड़ी आसानी से उसकी चोली खोल रहा था। तीखे और सख्त निप्पलों वाले उसके खूबसूरत जवान स्तन ... Read more

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  • Karmabhumi (Hindi)

    by Premchand ...
    हमारे स्कूलों और कॉलेजों में जिस तत्परता से फीस वसूल की जाती है, शायद मालगुजारी भी उतनी सख्ती से नहीं वसूल की जाती। महीने में एक दिन नियत कर दिया जाता है। उस दिन फीस का दाखिला होना अनिवार्य है। या तो फीस दीजिए, या नाम कटवाइए, या जब तक फीस न दाखिल हो, रोज कुछ जुर्माना दीजिए। कहीं-कहीं ऐसा भी नियम है कि उसी दिन फीस दुगुनी कर दी जाती है, और किसी दूसरी तारीख को दुगुनी फीस न दी तो नाम कट जाता है। काशी ... Read more

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  • Nirmala with Audio

    by Premchand ...
    आप इस पुस्तक को पढ़ और सुन सकते हैं।-------------------------------------यों तो बाबू उदयभानुलाल के परिवार में बीसों ही प्राणी थे, कोई ममेरा भाई था, कोई फुफेरा, कोई भांजा था, कोई भतीजा, लेकिन यहां हमें उनसे कोई प्रयोजन नहीं, वह अच्छे वकील थे, लक्ष्मी प्रसन्न थीं और कुटुम्ब के दरिद्र प्राणियों को आश्रय देना उनका कत्तव्य ही था। हमारा सम्बन्ध तो केवल उनकी दोनों कन्याओं से है, जिनमें बड़ी का नाम निर्मल ... Read more

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  • Mansarovar - Part 8 (Hindi)

    by Premchand ...
    Series Book 1 - Mansarovar
    मानसरोवर - भाग 8खून सफेदगरीब की हायबेटी का धनधर्मसंकटसेवा-मार्गशिकारी राजकुमारबलिदानबोधसच्चाई का उपहारज्वालामुखीपशु से मनुष्यमूठब्रह्म का स्वांगविमाताबूढ़ी काकीहार की जीतदफ्तरीविध्वंसस्वत्व-रक्षापूर्व-संस्कारदुस्साहसबौड़मगुप्तधनआदर्श विरोधविषम समस्याअनिष्ट शंकासौतसज्जनता का दंडनमक का दारोगा<... ... Read more

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  • डर्टी डॉक्टर - एक कामुक कहानी

    Translated by - Lust ...
    "जिस तरह से मेरा पूरा बदन कांप रहा था मेरे पैर शायद ही मुझे संभाल पाते। मुझे यक़ीन है कि वो ये जानते थे क्योंकि जब उन्होंने मेरे दूसरे निप्पल को अपने मुंह में जीभ के साथ अंदर लिया, उन्होंने मुझे पकड़ा और जकड़ा हुआ था। मैं तो एकदम ही चरम सुख पाने के क़रीब पहुँच चुकी थी। मेरे इसे पाने से पहले ही उन्होंने मुझे जाने दिया, और मेरे पीछे पड़ी कुर्सी को थामते हुए मैंने लड़खड़ाते हुए अपना संतुलन बनाया। डॉक्टर ए ... Read more

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  • ऑब्सेस्ड विद ओवेन ग्रे - एक कामुक लघुकथा

    Translated by - Lust ...
    "मेरे स्तन टाइट होते और दुखते हुए महसूस हो रहे हैं, जैसे बस फटने को हों। मैं बस यूँ ही काउंटर पर टेक लगाकर खड़ी हूँ, पर जो किसी को नहीं दिख रहा, वो है मेरे स्तनों को दबाते उस आदमी के हाथ, जिसकी उँगलियों के बीच से मेरी स्किन बाहर झाँक रही है। अगर मैं बिल्कुल स्थिर खड़ी रहूँ और पूरा ध्यान दूँ, तो मैं अपनी बांह के निचले हिस्से में उस आदमी के हाथ के पीछे के छोटे काले बालों के छूने से होने वाली सिहरन ... Read more

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